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मिलिए 19 वर्षी उमेर अहमद गनी से जोकि कश्मीर के पुलवामा जिले के छोटे स्थान जागीगम का निवासी है। हाल ही में इस 19 वर्षी उमेर अहमद ने भारत में सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक यानी NEET UG 2023 पास कर एक मिशाल कायम कर दी । आपको बता दे की वह बहुत ही गरीब परिवार से है, जीवन यापन करने के लिए उसके पिता मजदूरी करते है और माँ घर संभालती है। घर की तंगी को देखते हुए उमेर भी स्कूल के बाद मजूदरी में पिता का हाथ बटाता था।
उमेर से जब पूछा गया की आखिर उसे NEET UG करने की प्रेरणा कहा से मिली तो उसने बताया की “जब वह कक्षा 10 में था, तब उसे पता चला कि पुलवामा जिले के एक लड़के ने एंट्रेंस परीक्षा पास करके डॉक्टर बन गया था, तो उसकी कहानी ने मुझे NEET परीक्षा के लिए पढ़ाई करने की प्रेरणा दी और तब से उसने भी ठान लिया की वह भी NEET परीक्षा में पास होकर दिखाएगा। NEET की तैयारी करने के लिए और मैंने कक्षा 11 में विज्ञान चुनी “
वह आगे बताता है की “मैं एक ऐसे परिवार से हूँ जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं है। मैंने स्कूल जाते हुए भी दैनिक मजदूरी के रूप में काम किया। जब में 9 कक्षा में था तब मेरे पिता की आयु 50 साल से अधिक थी, इसलिए मैंने कठिन परिश्रम किया ताकि मेरा परिवार को आर्थिक रूप से सहारा मिल सके।
घर की हालत ठीक नहीं थी और न ही उनके पास इतने पैसे थे की उमेर एक अच्छे संस्था से पढाई कर सके लेकिन उमेर को कभी इसकी चिंता नहीं हुई की वह पास कैसे होगा। उसने NEET परीक्षा पास करने के लिए NCERT किताबों का उपयोग किया और घरों को पेंट करके पैसे इकट्ठा किए, जिससे वह NEET की तयारी के लिए महत्वपूर्ण किताबे ले सका और जो पैसे बच्चते वह उन्हें घर में दे देता इससे उसकी परिवार की भी सहायता हुई।
आगे उमेर ने बताया कि वह जम्मू और कश्मीर के किसी भी सरकारी मेडिकल स्कूल में दाखिला लेने की आशा करते हैं और महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें केवल अपने मूलभूत कश्मीर में प्रैक्टिस करनी है।
जब उमेर से पूछा गया की दूसरे बच्चो को आप क्या सलाह देना चाहेंगे तो उमेर ने कहा की “ वे चिंता न करें और कठिन परिश्रम पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि यही सफलता की कुंजी है हर क्षेत्र में। “
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